SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ७ ) रचना की । इसी समवसरण में भगवान ऋषभदेव ने प्रथम देशना दी। मरीचिकुमार अपने पिता के साथ प्रभु के दर्शनार्थ - वंदनार्थआये। प्रभु की देशना सुनकर मरीचिकुमार को वैराग्य समुत्पन्न हुआ। पिता की अनुमति लेकर प्रभु के चरणों में सर्वप्रथम संयमः ग्रहण किया । प्र. ३२ १६वें भव में विश्वभूति राजकुमार का जन्म कहाँ हुआ था । राजगृही नगर के राजा विश्वनंदी के छोटे भाई विशाखाभूति के यहाँ उनकी पत्नी धारिणी-रानी की कुक्षि से विश्वभूति का जन्म हुआ । प्र. ३३ विश्वभूति राजकुमार ने किसके पास संयम ग्रहण किया था ? संभूति मुनि के पास | उ. प्र. ३४ १८ वें भव में त्रिपृष्ठ वावुदेव का जन्म कहाँ हुआ था ? उ. उ. दक्षिण भरतार्द्ध में पोतनपुर नगर के प्रजापति राजा के यहाँ उनकी द्वितीय पट्टराणी मृगावती की कोख से त्रिपृष्ठ वासुदेव का जन्म हुआ था ।
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy