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________________ ( २६. ) प्र. ३४८ म. स्वामी के पधारने के पूर्व कौशंबी पर . किसने आक्रमण किया था ? उ. अवंतिपति चंडप्रद्योत में । प्र. ३४६ चंडप्रद्योत ने आक्रमण क्यों किया था ? उ. महारानी मृगावती के अपूर्व सौंदर्य से आकृष्ट हो उसको अपनी पटरानी बनाने का स्वप्न साकार करने हेतु। प्र. ३५० चंडप्रद्योत के प्राक्रमण से क्या हुआ था? . उ. चडप्रद्योत के साथ युद्ध में शतानीक मारा गया • और राजकुमार उदयन अनाथ हो गया। प्र. ३५१ चंडप्रद्योत की रानी का क्या नाम था? . उ. शिवादेवो। प्र. ३५२ चंडप्रद्योत और शतानीक का क्या संबंध था ? उ. वे दोनों परस्पर साढू लगते थे । प्र. ३५३ मृगावती और शिवा देवी का क्या संबध था ? वे दोनों सहोदरा वहनें थी। महाराजा चेटक . की पुत्रियाँ थी।, भगवान महावीर की बहनें ( मौसी पुत्रियां । प. ३५४ शतानीक की मृत्यु के बाद महारानी मृगावती ने क्या किया था?
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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