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________________ ( २४३ ) प्र. २६२ बदमाशों ने उद्यान में घुसकर क्या किया था ? कुकर्म । .. प्र. २६३ वदमाशों ने कुकर्म किसके साथ किया था ? उ. अर्जुन की पत्नी वंघुमती के साथ । . : प्रे. २६४ बदमाशों ने कुकर्म क्यों किया था ? बधुमती के सौन्दर्य पर मुग्ध होकर । उ. प्र. २९५ बदमाशों ने कुकर्म करने के लिए क्या 7 1 किया था ? उ. वदमाशों ने मौका देखकर अर्जुन को रस्सियों से बांध दिया और फिर बंधुमती को घेरकर उसके साथ स्वच्छंदता से कुकर्म किया । प्र. २९६ बदमाशों के कुकर्म को देखकर अर्जुन को क्या हुआ था ? अपनी आँखों के सामने नीच दुष्टों का प्रत्याचार श्रीर पत्नी के साथ जघन्य दुराचार देखकर अर्जुन का खून खोल उठा । उ. વ उ. - प्र. २६७ अर्जुन ने क्रोधावेश में ग्राकर अपने कुल देवता यक्ष को कोसना शुरू किया - " वचपन से मैं तुम्हारी पूजा-उपासना करता थाया हूं, लेकिन जब में विपत्ति में फँसा पड़ा हूँ तो तुम प्रस्तर
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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