SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उ. १४ वर्ष वाद | प्र. १०३ मंडितजी केवली अवस्था में कितने वर्ष रहे थे ? १६ वर्ष । प्र. १०४ मंडितजी गणधर का संपूर्णायु कितना था ? . ८३ वर्ष । उ. प्र. १०५ मौर्यपुत्र किस नगर के थे ? उ. मोरीस नगर के । प्र. १०६ मौर्यपुत्र के पिता का नाम क्या था ? उ. मोरोदेव । उ ANANT ( १८८ ) प्र. २०७ मौर्यपुत्र के माता का नाम क्या था ? उ. विजया देवी | प्र. १०८ मौर्यपुत्र का गोत्र क्या था ? उ. काश्यप । प्र. १०९ मौर्यपुत्र का जन्म नक्षत्र क्या था ? उ. रोहिणी । प्र. ११० मौर्यपुत्रने कितनी आयु में दीक्षा ग्रहण की थी ? ६५ वर्ष की श्रायु में 1 उ. उ. प्र. १११ मौर्यपुत्र को दीक्षा के कितने वर्ष बाद केवल ज्ञान प्राप्त हुआ था ? १४ वर्ष बाद |
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy