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________________ ( १७४ ) उ. ४३ वर्ष प्र. २१ म. स्वामी ने केवलज्ञान के पूर्व चारित्र पर्याय में क्या उपदेश दिये थे? । उ. विशिष्ट उपदेश के रूपमें प्रायः नहीं बोले, वार्तालाप हो सकता है। प्र. २२ म. स्वामी के घाती कर्मों का क्षय कब हुआ था? उ. केवलज्ञान-केवलदर्शन प्रगट हा तब । प्र. २३ म. स्वामी ने कितने घाती कर्मों का क्षय किया था ? चार। प्र. २४ म. स्वामी ने कौन-कौन से घाती कर्मों का क्षय किया था ? उ. (१) ज्ञानावरणीय (३) मोहनीय (२) दर्शनावरणीय (४) अन्तराय प्र. २५ म. स्वामी ने केवलज्ञान प्राप्त करने के बाद प्रथम देशना कहाँ दी थी ? उ. राजगृही नगर में। प्र. २६ म. स्वामो की प्रथम देशना में कितने जीवों को प्रतिबोध प्राप्त हआ था ? ... . .. उ. एक भी जीव को नहीं। ..
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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