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________________ ( १६९ ) प्र. ४२२ म. स्वामी का साधनाकाल का क्षेत्र कौनसा था ? उ. पूर्व एवं उत्तर भारत का प्रदेश । प्र. ४२३ म. स्वामी को साधनाकालमें कितने प्रकार के उपसर्ग आये थे? उ. तीन प्रकार के । प्र. ४२४ म. स्वामी को साधनाकालमें किस-किस प्रकार के उपसर्ग आये थे ? जघन्य कोटि के, मध्यम कोटि के एवं उत्कृष्ट कोटि के। प्र. ४२५ म. स्वामी के जघन्य कोटिके कौनसे उपसर्ग थे? उ. कटपूतना का उपसर्ग । प्र. ४२६ म. स्वामी के मध्यम कोटिके कोनसे उपसर्ग थे? संगम द्वारा प्रस्तुत कालचक्र का सबसे भयानक उपसर्ग । प्र. ४२७ म. स्वामी के उत्कृष्ट कोटि के कौन से उपसर्ग थे ? कानोंमें शूलें ठोंकना और निकालना सबसे दारुण उपसर्ग था। प्र. ४२८ म स्वामो के जीवन में उपसर्गों के संबंध में आश्चर्य क्या है ?
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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