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________________ ( १६४ ) उ. ध्यानस्थावस्था में। प्र. ३६६ म. स्वामी के पास उद्यान में कौन आया था ? उ. रवाला। प्र. ४०० म. स्वामी के पास आकर ग्वाला ने क्या कहा था ? उ. प्रभु छम्मारिण गाँव के बाहर कायोत्सर्ग करके ध्यानस्थ खड़े थे। संध्याके समय एक ग्वाला खेतों से काम करता हया पाया था। श्रमरण महावीर को ध्यानस्थ देख कर बोला-देवार्य, जरा मेरे बैलों की देखभाल करना, मैं अभी पाता हूँ। प्र. ४०१ म. स्वामी के पास बैल छोड़कर ग्वाला कहाँ गया था ? उ. ग्वाला किसी कार्यवश गांव में गया था। प्र. ४०२ ग्वाला ने वापस लौटकर प्रभु से क्या कहा था? ग्वाला अपना कार्य करके गांव से कुछ समय पश्चात् लौटा, बैल चरते-चरते कहीं दूर निकल गये थे, वहाँ कहाँ मिलते ? उसने इधरउधर ढूढा, पर बैल दिखाई नहीं दिये। उसने पूछा-"देवार्य ! बताओ मेरे बैल कहां गये.?" ब
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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