SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 164
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 3. ( १४२ ) शतानीक की सेनाएँ सार रोग हो गया । चम्पा में घुस गई । पराजित हुआ दधिवाहन । राजा जान बचाकर कहीं भाग गया । प्र. ३३५ शतानीक की सेना ने चम्पा नगरी में घुसकर क्या किया था ? उ. विजयोन्माद में मत्त वत्स देश की सेनाओंने चम्पानगरी में लूट-पाट, अत्याचार, सुन्दरियों का अपहरण एवं बलात्कार का लोमहर्ष क्रूर तांडव मचाया, उसका वर्णन सुनने पर इसीं लूट ही से आँखें भींग जायें । पाट में एक रथिक ( रथ सैनिक ) में घुस गया । राजमहलों प्र. ३३६ रथिक ने राज महलों में घुसकर क्या किया था ? रथिक हीरों-जवाहरात का लोभी नहीं, वरन् सौन्दर्य का लोभी था । स्वर्ण - मरिण - माणिक्य के खुले भण्डारों को छोड़कर भी उसने परम सुन्दरी रानी धारिणी एवं राजकुमारी वसुमती को अपने कब्जे में कर लिया और दोनों माँ-बेटियों को अपहरण कर रथ में बिठाकर चल पड़ा ।
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy