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________________ ( १२६ ) प्र. २६६ म. स्वामी को भद्र आदि तप का पारणा किसने कराया था? उ. वहुल दासी ने । - प्र. ३०० म. स्वामी ने भद्र प्रादि तप का पारणा . किससे किया था ? उ, . वीरंज से ( शक्कर मिश्रित भात से ) . प्र. ३०१ म. स्वामी ने एकादश चातुर्मास कहां . किया था ? - उ. वैशाली नगर के बाहर महाकामवन उद्यान में । प्र. ३०२ म. स्वामी को प्रतिदिन भिक्षा ग्रहण की विनति (प्रार्थना) कौन करता था ? जीरण शेठ प्रतिदिन प्रातःकाल उद्यान में प्रभु की वन्दना करता, और अपने घर पर भिक्षा ग्रहण करने की भाव-भीनी प्रार्थना भो। श्रेष्ठी ने मासांत के दिन सोचा "आज तो महाश्रमण एक मास के तप को पूरा कर मेरी भावना को अवश्य सफल । . करेंगे, अतः उसने विशेप भक्तिपूर्वक आग्रह किया। पर महाश्रमण तो कहीं भिक्षुार्थ
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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