SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 122
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १०२ ) प्र. २४५ म. स्वामी ने अष्टम चातुर्मास के बाद किस भोर विहार किया था ? अनार्य देश की ओर । : उ. प्र. २४६ म. स्वामी अनार्य देश की ओर क्यों पधारे थे? घोर परिषह सहन कर कठोर कर्मों का क्षय करने के लिए । उ. प्र. २४७ म. स्वामी को अनार्य देश में कैसे-कैसे उपसर्ग आये थे ? 3. मानव कृत क्रूर उपसर्ग । प्र. २४८ म. स्वामी ने नवम चातुर्मास कहाँ किया था ? अनार्य देश की लाढ - राढ से पहचानी जाति वज्रभूमि में । उ. प्र. २४६ म., स्वामी ने नवम चातुर्मास में क्या तप किया था ? उ. चारमासी तप (१२० दिन एक साथ उपवास ) । प्र. २५० म. स्वामी ने नवम चातुर्मास के बाद किस ओर विहार किया था ? उ. प्रभु अनार्यं भूमि से लौटते हुए कुर्मग्राम को ओर जा रहे थे । प्र. २५१ मार्ग में क्या देखकर गोशालक ने म. स्वामी पूछा था ? से
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy