SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ८३ ) प्र. १७२ म. स्वामी ने तृतीय मासखमण का पारणा किससे किया था ? उ. क्षीर से। प्र. १७३ म. स्वामी ने चतुर्थ मासखमण का पारणा कहाँ किया था ? उ. कोल्लाक में। प्र. १७४ म. स्वामी ने चतुर्थ मासखमण का पारणा किसके यहाँ किया था ? उ. बहुल ब्राह्मरण के यहाँ । प्र १७५ म. स्वामी को चतुर्थ मासखमरण का पारणा किसने कराया था ? उ. बहुल ब्राह्मण ने । प्र. १७६ म. स्वामी ने चतुर्थ मासखमण का पारणा किससे किया था ? उ. क्षीर से । प्र. १७७ म. स्वामी के भविष्य-ज्ञान की परीक्षा के लिए गौशालक ने क्या पूछा था ? . उ.. "देवार्य ! मैं भिक्षा के लिए जा रहा हैं, • बताइए, मुझे आज भिक्षा में क्या मिलेगा ?"
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy