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________________ 5 10 ACT II 8-9 । को सन्देहो । जंह दसमुहो ईसिमउलिएहिं विसर्दिदिट्ठीहिं ओहीर माणलोलंलो अणो णमन्तंवदणो वट्टदि तह जाणामि दारुणो से हिअअवेअणावेओ ण' एवं विरमिस्सदि ि ॥ माल्य' । अहो नु खलु भोः । 9 वन्द्या विश्वसृजो युगादिगुरवः स्वायम्भुवाः सप्त ये 1 वैदेहस्य वयं च ते च किमहो सम्बन्धिनो न " प्रियाः तन्नामास्तुं दुरासदेन तपसा दीप्तस्य दीप्तश्रियः पौलस्त्यस्य जगत्पतेरपि कथं जाता हृदि न्यूनता ॥ ४ ॥ 38 अथवा " । अर्थ प्रकेंटीकृतेऽपि न फलप्राप्तिः प्रभोः प्रत्युत दुह्यन्दाशरथिर्विरुद्धचरितो युक्तस्तया कन्यया । उत्कर्ष च परस्य मानयशसोर्विस्रंसनं चात्मनः स्त्रीरत्नं च जगत्पतिर्दशमुखो दृप्तः कथं मृष्यते ॥ ९ ॥ 1 Mg) सूर्य • Cu, K, Md शूर्प ० cett ( + Mt, 2 जहा Cu, K जह cett विसदिदिट्ठीहि K विसदिट्ठीहि 1, W, So, Md विसदिडीहि BO विंसदि - ट्ठीहि 1⁄2 वीसदिट्ठिहि E विदिहिं to वीसदिट्टिहिं Cu. coll 4 उहीर• Cu ओहिय• E ओहीर cett * लोचलोअणो लोलो I, लोललोअणो cett. ● •वणो K वदनो Md •वदणी cott णमन्तवदणो om Bo only 7 तही Ou तहा K तेह Ig तह cett 8 सि for से Ig only. 9 से add. Md only. 10 एवं for एवं Md, Mt, Mg only. 11 विरमस्यfe for fवरमिस्सदि Eonly 12 ति E, W, So त्ति cett. कः सन्देहः यद्दशमुखोऽ पीषन्मुकुलिताभिर्विशदृष्टिभि रपहियमाणलोललोचनो नमद्वदनो वर्तते । तज्जानामि दारुणोऽस्य हृदयवेदनावेगो न ua farfaufa add chāyā, Sc. [न cett न changed to नः 0u ये for न Mt 14 प्रियः for प्रिया Cu only 13 15 तन्नामास्तु cori to तन्नामास्त्र Cu only अथवा om K, Bo, Mg अथवा by rev, Cu अथवा cett 17 प्रगटीo for प्रकटी° Eonly. 16 18 फले for फल • E only 19 प्रभो for प्रभोः Cu only. 20 उत्कर्षे Md उत्कर्ष Bo उत्कर्ष cott. (+ Mt, Mg) 21 स्त्री by rev. Cu
SR No.010406
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTodarmal Pandit
PublisherUniversity of Panjab Lahore
Publication Year1928
Total Pages407
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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