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________________ RASAR सुन्नीमवंतेसु पवरमंदिरेसु वुच्छिजमाणेसु य अइगरुयकुलेसु मडयकोडिसंकुलासु गामरत्यासु भयभीओ अवसेसो जणो जीवियरक्खणनिमित्तं लिहावेइ रक्खावलयं पाणिपलवेसु बंधेइ दिवोसहीओ कुणइ महागहपूर्व समायरइ | पियरपिंडप्पयाणं परावत्तेइ विविहमंते समीवद्वियं धरइ दिवमणिगणं पयट्टावेइ होमविहिं आपुच्छइ जाणयजोइ सिए समारंभइ गिहदेवयाणं ण्ह्यणवलिपृयामहूमवं, अन्नंपि ज कोइ समाइसइ तं सर्व तहट्ठियं निवत्तेइ, तहवि: ताओइण्णमहाजरोव पढमछुहाभिभूयपंचाणणोब निकाइयकम्मनिवहोव न मणागपि सो सूलपाणिवंतरो उचसम । गच्छइत्ति । अह गामजणो अणिवत्तगं दहण मारिं धणकणगसमिद्धाइं गोमहिसितुरगाइपरिकिन्नाई गिहाई मोत्तृण । जीवियद्वयाई नियनि यकुबाई घेत्तण अन्नन्नगामेमु गओ, तत्थवि गयं महावेरिओब उबद्दवइ सो तग्गामवासिलोयं, पाएगया य तेमि चिंता जाया-न ननइ नन्थ अम्हेहिं देवो या दाणवो या खेतवालो वा जक्खो या रक्खनो बा मादिराहिओ होजा, नम्हा नहिं चत्र गंतण पमाएमोत्ति संपधारिऊण ममागया तत्थेव गामे, उवठ्ठाविया बलिकुगुम ध्वाइमामग्गी, तयणन गहाया पंडग्यत्यय उत्तरामंगा वनविमुक्तकमा सबममुदाणं नियच उक्चचंग पडिमडियभ्यगिरम मंदावमस उजाणमु य पनि च यमपयरं च मुंचमाणा उसमुदा जोडियका जरिया हाएवं पिर परना भो अंतरिकनिन्या दवामातम्यावकि पुग्मिा । टियाटमयमया निमुण्ट विननिय एयं !! १६६
SR No.010405
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunchandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1929
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size277 MB
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