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________________ करता-समान के श्रावकोनी रहेणी कया प्रकारनी हती ते अमनो जीवनमाथी स्पष्ट थई शके छे. बधा श्रावको कृषि प्रधान बेपारीयो हता. अमना वर्णन ऊपरथी अ हकीकत स्पष्ट थाय छे जुओ आनन्द श्रावकनु वर्णन__ नस्स शं श्राणन्दस्स गाहावइस्स.चत्तारि हिरण्णकोडीश्रो निहाणपउत्तानो चत्तारि हिरण्णकोडीश्रो बुढिपउत्तानो, चत्तारि हिरएणकोहोरो पवित्थरपउत्तानो चत्तारि चया दस गोसाहस्सिएवं वएणं होत्या। श्रावु वर्णन तो अनुज होई शके के जेने घेर मोटो वेपार अने खेती चालतां होय. बधाने घेर खेती हती जुश्री आनन्द श्रावकनुं अध्ययन. श्रानन्द श्रावक इच्छाविधिपरिमाण करे छे त्यारे तयाणंतरं च णं खेतवत्थुविहिपरिमाणं करेइ । नन्नत्थ पन्चहि हलसएहिं नियक्तण-सइएणं हलेणं, श्रवसेसं सव्वं खेत्तवत्थुविहि पञ्चक्खामि । __हवे, जे माणस खेती चलावतो होय तेज खेती करवानी अवधि करे ग्रे स्पष्ट छे. अमुक श्रेकर जमीन राखवी, अमुक हल राखवां प्रेम प्रतिज्ञा करनार माणस खेती चलावतो होवो न जोइये श्रे पुरवार करवानी वधारे जरूर नथी. ते उपरान्त जेनी पासे दस गो साहस्रिक होय ते खेती करतो होय अपण अटलुंज स्वाभाविक छे.
SR No.010399
Book TitleKrushi Karm aur Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherShobhachad Bharilla
Publication Year
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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