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________________ (६७) णस्सं णं भगवो महावीरस्स नतुई कोसिअ (कासव ) गु. तेणं, तीसेणदुवे नामधिज्जा एवमाहिज्जति, तंजहा-सेसवई इ वा, जसवई ई वा ॥ १०७ ॥ भगवान महावीर पिता काश्यप गोत्र के थे जिन के तीन नाम थे. सिद्धार्थ, श्रेयांस, यशस्वी, भगवान की माता वाशिष्ठ गोत्र की थी, उसके भी तीन नाम थे. त्रिशला विदेहदिना, प्रीति कारिणी, भगवान महावीर का काका सुपार्थ, भगवान महावीर का बडा भाई नंदिवर्द्धन, वेन सुदर्शनाथी, और स्त्री यशोदा कोडिन गोत्र की थी. भगवान महावीर को एक पुत्री थी जिसके दो नाम थे. अणोज्जा, प्रियदर्शना. महावीर प्रभु की एक दोहित्री कोशिक गोत्र की थी उसके दो नाम शेषवती, यशस्वती. समणे भगवं महावीरे दक्खे दक्खपइन्ने पडिरूवेपालीणे भद्दए विणीए नाए नायपुत्ते नायकुलचंदे विदेहे विदेहदिन्ने विदेहजचे विदेहसूमाले तीसं वासाइं विदेहंसि कटु अम्मापिउहि देवत्तगएहि गुरुमत्तरएहिं श्रमणुन्नाए समत्तपाइन्ने पुणर वि लोगतिएहिं जीअकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इटाहि कंताहिं पित्राहि मणुन्नाहि मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहि धन्नाहिं मंगल्लाहि मित्रमहुरसस्सिरीबाहिं हिययगमणिज्जाहिं हिययपल्हायणिज्जाहिं गंभीराहिं अपुणरत्ताहि वग्गूहि अणवरय अभिनंदमाणा य अभिथुब्बमाणा य एवं वयासी ॥१०॥ महावीर प्रभु दक्ष ( संव कला में प्रवीण ) दक्ष प्रतिज्ञा वाले ( जो चोले सो पाले ) प्रतिरूप (सुन्दर रूप वाले ) आलीन ( संब गुणों से व्यास ) भद्र क ( सरल ) विणीत (वड़ों की इज्जत करने वाले ) ज्ञात (प्रख्यात) ज्ञातपुत्र (सिद्धार्थ राजा के पुत्र) ज्ञात कुल में चंद्र संमान, विदेह ( वज्र रूपम नाराच संघयण, समचतुरस्र स्थान वाले ) विदेह दिन (त्रिशला रानी के पुत्र) विदेह
SR No.010391
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikmuni
PublisherSobhagmal Harkavat Ajmer
Publication Year1917
Total Pages245
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size12 MB
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