SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 86
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जिनहर्ष-ग्रन्थावली सं० १७३५ वर्षे माहं सुदी १४ दिने श्री बीकानेर मध्ये । वा. 1 श्री दानविनय गरिग तशिष्य मुख्य वा. गुणवर्धन गणि तशिष्य मुख्य वा. श्रीसोमगरिण तशिष्य मुख्य वा. श्रीशांतिहर्ष गणि, ततशिष्य मुख्य प. जिनहर्ष गणि तद्भातृ पं० शांतिलाम गणि, तभ्रातृ प० सौभाग्यवर्द्धन, तभ्रात पं० लाभवर्द्धन जो, भ्रातृ पं० सुखवर्द्धन, तत्शिष्य पं० दयासिंघ लिखितं । श्री बीकानेर मध्ये । पारख साह खेहसी जी . तत् पुत्ररत्न पारख साह नाबर जी, तत्पुत्ररत्न पारख साह पोमसोजी, तत् पुत्ररत्न पारख साह प्रतापसी, तत् पुत्ररत्न पारख साह प्रासकरण, तस्य भ्रातृ पारस साह सहसमल पठनार्थ लघुभ्रातृ अमरराज सहितेन श्री रस्तु ।। [ गुटका-प्रमय जैन ग्रन्थालय, नं० १६1]
SR No.010382
Book TitleJinaharsh Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1962
Total Pages607
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy