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________________ २५., भडली श्री, अगरचंद नहाटा और भःविनय सागर २६. जिनहर्ष प्रथावली श्री अगरचंद नाहटा २७. राजस्थानी हस्त लिखित ग्रथो का विवरण २८. दम्पति विनोद " " २६. हीयाली-राजस्थान का बुद्धिवर्धक साहित्य । . .... ... , , .. ३०. समयसुन्दर रासाय , श्री भंवरलाल नाहटा । ३१. दुरसा आढा ग्रंथावली . .. श्री बदरीप्रसाद साकरिया जसलमेर ऐतिहासिक साधन संग्रह (सपा० डा० दशरथ शर्मा,), ईशरदास अथावली ( सपा० बदरीप्रसाद साकरिया ), रामरासो (प्रो० गोवर्द्धन शर्मा ), राजस्थानी जैन साहित्य (ले० श्री अगरचंद नाहटा), नागदमरण (सपा० बदरीप्रसाद साकरिया) मुहावरा कोश (मुरलीघर व्यास ) आदि , ग्रथो का - सपादन हो चुका है परन्तु अर्थाभाव के कारण इनका प्रकाशन इस वर्ष नही हो रहा है। , हम आशा करते हैं कि कार्य की महत्ता एव गुरुता को लक्ष्य में रखते हुए अगले वर्ष इससे भी अधिक सहायता हम अवश्य प्राप्त हो सकेगी. जिससे, उपरोक्त मपादित तथा अन्य महत्वपूर्ण ग्रथो का प्रकाशन-सभव हो सकेगा। .. . ... इस सहायता के लिये हम भारत सरकार के शिक्षा विकास सचिवालय के आभारी हैं, जिन्होंने कृपा करके हमारी योजना को स्वीकृत किया और ग्रान्ट-इनएड की रकम मजूर की।.. .. राजस्थान के मुख्य मंत्री माननीय मोहनलालज़ी सुखाडिया, जो. सौभाग्य से शिक्षा मत्री भी हैं और जो साहित्य की प्रगति एवं पुनरुद्धार के लिये पूर्ण सचेप्ट हैं, का भी इस सहायता के प्राप्त कराने में पूरा-पूरा योगदान रहा है। अतः हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता सादर प्रगट करते हैं। राजस्थान के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षाध्यक्ष महोदय श्री जगन्नाथसिंहजी मेहता का भी हमें 'आभार प्रगट करते हैं, जिन्होंने अपनी ओर से पूरी-पूरी दिलचस्पी लेकर हमारा उत्साहवन किया, जिससे हम इस वृहदु कार्य को सम्पन्न करने में समर्थ हो सके । संस्था उनकी सदैव ऋणी रहेगी।
SR No.010382
Book TitleJinaharsh Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1962
Total Pages607
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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