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________________ ६८ [जिन सिद्धान्त भाग में ही मरण होने वाला है उस जीव को लब्ध्यपर्याप्तक कहते हैं। प्रश्न--पर्याप्तक किसे कहते हैं ? उत्तर-जिस जीव की पर्याप्ति पूर्ण हो गई हो उम जीव को पर्याप्तक कहा जाता है। प्रश्न-अपर्याप्ति नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर-जब तक पर्याप्ति पूर्ण न हो ऐसी अपूर्ण पर्याप्ति का नाम अपर्याप्ति नामकर्म है। प्रश्न--प्रत्येक नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर--जिस कर्म के उदय से एक शरीर का एक स्वामी हो उस कर्म का नाम प्रत्येक नामकर्म है। प्रश्न--साधारण नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर--जिस कर्म के उदय से एक शरीर के अनेक जीव स्वामी हो उसे साधारण नाम कर्म कहते हैं। प्रश्न--स्थिर नामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर--जिस कर्म के उदय से रस, रुधिर, मेदा, मज्जा, अस्थि, मांस और शुक्र इन सात धातुओं की स्थिरता अर्थात् अविनाश व अगलन हो वह स्थिर नाम कर्म है। प्रश्न- अस्थिर नामकर्म किसे कहते हैं ? उचर--जिस कर्म के उदय से रम, रुधिर, मांस,
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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