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________________ [जिन सिद्धान्त प्रश्न-मिथ्यात्व के और कोई भेद है क्या ? उत्तर-मिथ्यात्लके पांच भेद और है-(१) पुण्य' में धर्म मानना, (२) कर्म के उदय में जो अवस्था मिले उसे अपनी मानना, (३) मैं पर जीव को मार या जिला सकता हूँ या सुख दुःख दे सकता हूँ, (४) देव गुरु आदि मेरा कल्याण कर सकते हैं, (५) पर पदार्थ में इष्ट-अनिष्ट की कल्पना करना। प्रश्न--कपाय किसको कहते हैं? उत्तर-आत्मा में एक चारित्र नामका गुण है, उसकी विकारी अवस्था का नाम कपाय है। प्रश्न--कपाय के भाव कितने प्रकार के हैं ? उत्तर--कपाय के भाव असंख्यात लोक प्रमाण हैं तो भी उनको १३ भावो में गर्मित किया गया है(१) क्रोध, (२) मान, (३) माया, (४) लोभ, ( ५ ) हास्य, (६) रति, (७) अरति, (८) भय, (1) शोक, (१०) जुगुप्सा, (११) स्त्रीवेद, (१२) पुरुपवेद, (१३) नपुसकवेद । । प्रश्न-पाय के और भी भेद है क्या ? उत्तर--पाय के चार भेद और हैं। (१) अनन्तानुबन्धी, (२) अप्रत्याख्यान, (३ ) प्रत्याख्यान, (४) संज्वलन।
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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