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________________ १५० और अधोलोक | ✓ [ जिन सिद्धान्त उत्तर-नरलोक में । प्रश्न - लोक के कितने भेद हैं ? उत्तर - लोक के तीन भेद हैं--ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक प्रश्न- अधोलोक किसे कहते हैं ? उत्तर - मेरु के नीचे सात राजू अधोलोक है । प्रश्न- ऊर्ध्वलोक किसे कहते हैं ? उत्तर - मेरु के ऊपर लोकके अन्त पर्यन्त ऊर्ध्व लोक है। प्रश्न - मध्यलोक किसे कहते हैं ? उत्तर - एक लाख चालीस योजन मेरु की ऊंचाई के वरावर मध्यलोक है । प्रश्न - मध्यलोक का विशेष स्वरूप क्या है ? उत्तर - मध्यलोक के अत्यन्त बीच में एक लाख योजन चौडा, गोल ( थाली की तरह ) जंबूद्वीप 1 जम्बूद्वीप के बीच में एक लाख योजन ऊंचा सुमेरु पवत है जिसका एक हजार योजन जमीन के भीतर मूल है । निन्याणवे हजार योजन पृथ्विी के ऊपर है और चालीस योजन की चूलिका ( चोटी ) है । जम्बूद्वीप के बीच में पश्चिम पूर्व की तरफ लम्बे छह कुलाचल पर्वत पडे हुए 1 हैं । जिनसे जम्बूद्वीप के सात खण्ड - हो गये हैं । इन सातों खण्डों के नाम इस प्रकार हैं - ( १ ) भरत, (२) हेमवत,
SR No.010381
Book TitleJina Siddhant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulshankar Desai
PublisherMulshankar Desai
Publication Year1956
Total Pages203
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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