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________________ (२१) . तो रस्ता सडकका है ॥ १३ ॥ खजरायकी यात्राकारस्ता लिखते है ॥ मलारासे गुलगंज बारा मील है ॥ मंदिर एक है ॥ परवार श्रावकोंके तथा गोलापूरव आवकोंके आव घर हैं ॥ इहांसे छतरपुर चौबीस मील है राजाका नगर है। मंदिर पाँच हैं। परवार श्रावकोंके पिछत्तर घर हैं ॥ इहांसे पूजनकी सामग्री खानेका सामान लेवे ॥ इहांसे राजनगर चौबीस मील है। मंदिर दो हैं ॥ परवार श्रावकोंके आठ घर हैं ॥ इहांसे खजराय तीन मील है ॥ इहां इक्कीस मंदिर शिखरबंध माचीन हैं ॥ करोड रुपये अपर लगे होयगें इनमें कोरनीका काम जादा किया है देखने लायक है । बडे मंदिरमें शांतिनाथ स्वामीकी प्रतिमा कायोत्सर्ग उं. ची पौनेदश हाथ है ॥ इहां हमेंसा सालकी साल फागुन बदी अष्टमीसे लगाके फागुन शुदी अष्टमीतक मेला होता है बहुतसे आदमी इकडे होते हैं इहांसे एक मील ऊपर बैषणवके सोला मंदिर करोडों रुपयोंकीलागतके हैं। खजरायसे तरेसठ मील मलारा आवे ॥ ॥ १४॥ इहांसे नैनागिरि सिद्ध क्षेत्रकी यात्रा चौवन मील है ॥ रस्ता सडकका है ॥ नैनागिरिको यात्राका रस्ता लिखते हैं । मलारासे सडवा चार मील है। मं. दिर एक है ॥ परवार श्रावकोंके तथा गोलापुरव श्रावकोंके पाँच घर हैं ॥ इहांसे नौ मील हीरापुर है ॥
SR No.010370
Book TitleJain Yatra Darpan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages61
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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