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________________ १४८ जनेन्द्र की कहानिया दमवा भाग और सच कहू ? • मैं भी एम ए नहीं है।" प्रमीला हम पडी । कहने को हुई "और • " माथुर ने बीच मे ही कहा, "और ? वजह हो तुम " प्रमीला मुस्कराई । बोली, "मैं !" "हा, तुम।" __ और अव आयु का साव्वा वर्ष निकट या रहा है । वडा लडका माधव एम ए० करके अच्छी नौकरी पर लग गया है। राघव पी अन्त तक फीस माफ रही और वजीफा मिलता रहा । अव वी ए० करके वह भी नौकरी पा गया है । प्रमीला स्कूल मे लाइबेरियन चल रही है । नौकरी जाने की सूरत नहीं है । सत्प पति है और दूर है और साली हैं और ऐठे है और दुनिया जारी है । फरवरी '६५
SR No.010363
Book TitleJainendra Kahani 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvodaya Prakashan
PublisherPurvodaya Prakashan
Publication Year1966
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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