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________________ श्री रायपसेणी सूत्र मूलम् - परमवरवेड्या गं भंते । किं सामया० १, गोयमा । सिय सामया सिय श्रमाया, से केराहणं भंते ! एव बुच्चड मियसामया मिय असामया १, गोवमा । दव्याए सासयो पज्जवेहिं गंधपजदेहिं रसपज्जवेहिं मामया, से तेराहरेश गोयमा ! एवबुच्चति - सिय सामया मिय असामया । परमवर वेया भते ! काल केवचिरं होट, गॉयमा । क्यावियामि कयावि रात्थि न कवाचि न भविस्मर, भुचि हव य भविसय, धुवा डिया माया अवया अव्वा अवट्टिया शिवा पउमव रवेडया | श्री राणी सूत्र विमान व सूत्र ३४ ॥
SR No.010345
Book TitleJainagamo me Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherJain Shastramala Karyalaya Ludhiyana
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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