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________________ जैनागमों में स्याद्वाद पुढवी तहा सक्करप्पभाएदि एवं जाव अहे सत्तमा । श्राया भंते ! सोहम्मकप्पे पुच्छा, गोयमा ! सोहम्मे कप्पे सिय आया सिय नो पाया जोव नो आयाति य, से केणटठेणं भंते ! जाच नो छायातिय ?, गोयमा ! अप्पणो आइटठे आया परस्स आइट्टे नो आया तदुभयस्स आइटठे अवत्तव्यं प्राताति य नो प्राताति य, से तेणठेणं तं चेव जाव नो आयाति य, एवं जाव अच्चुए कप्पे । प्राया भते ! गेविजविमाणे अन्ने गविज्जविमाणे एवं जहा रयणप्पभा तहेव, एवं अणुत्तरविमाणावि, एवं ईसिपमाराचि । आया भंते ! परमाणुपोग्गले अन्ने परमाणुपोग्गले ? एवं जहा सोहम्मे कप्पे तहा परमाणुपोग्गलेवि भाणियब्वे ।। आया भंते ! दुपएसिए खंधे अन्ने दुपएसिए खंधे ?, गोयमा! दुपएसिए खंधे सिय आया १ सिय नो पाया २ सिय अव्यत्तव्यं आयाइ य नो आयातिय ३ सिय पाया य नो आया य ४ सिय आया य अवत्तव्यं श्रआयाति य नो आयाति य ५ सिय नो आया य अवत्तचं श्रायाति य नो यायाति य ६, से केणट्टेणं मंते ! एवं तं चेव जाव नो आयाति य अवतचं आयाति
SR No.010345
Book TitleJainagamo me Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherJain Shastramala Karyalaya Ludhiyana
Publication Year
Total Pages289
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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