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________________ १०६ उत्तरज्झयणं एयमट्ठे निसामित्ता हेऊकारण - चोइओ । तओ नमी रायरिसी देविन्दं इणमब्ववी - ॥ ४३ ॥ मासे मासे तु जो वालो कुसग्गेणं तु भुजए । न सो सुक्खायधम्मस्स कलं अग्धइ सोलसि ॥ ४४ ॥ एयमट्ठ निसामित्ता हेऊकारण - चोइओ । तओ नमि रायरिसि देविन्दो इणभव्ववी - ॥ ४५ ॥ हिरण्णं सुवण्णं मणिमुत्तं कंसं दूसं च वाहणं । कोसं वडढावइत्ताणं तओ गच्छसि खत्तिया ! ॥ ४६ ॥ एयमट्ठ निसामित्ता हेऊकारण - चोइओ | तओ नमी रायरिसी देविन्दं इणमव्ववी - ॥ ४७ ॥ सुवण्ण रुप्पस्स उ पव्वया भवे सिया हु केलाससमा असंखया । नरस्स लुद्धस्स न तेहि किंचि इच्छा उ आगाससमा अणन्तिया ॥ ४८ ॥ पुढवी साली जवा चेव हिरण्णं पसुभिस्सह । पडिपुण्णं नालमेगस्स इइ विज्जा तवं चरे ॥ ४६ ॥ एयमट्ठ निसामित्ता हेऊकारण - चोइओ । तओ नमि रायरिसि देविन्दो इणमब्ववी - ।। ५० ।। अच्छेरगमव्भुदए भोए चयसि पत्थिवा ! असन्ते कामे पत्थेसि संकप्पेण विहन्नसि ।। ५१ ।। एयमट्ठ निसामित्ता हेऊकारण - चोइओ | तओ नमी रायरिसी देविन्दं इणमब्ववी - ॥ ५२ ॥
SR No.010329
Book TitleJainagam Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhileshmuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1974
Total Pages383
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size11 MB
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