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________________ ( ५३ ) यहा ताचे पीतलके बरतन बहुत उमदा बनते है. रेशमी कपड़ा व कसबी कामका कपड़ा बहुत बढ़ीया तैयार होता है. ___ गंगाकिनारे मदेनीघाटपर स्याद्वाद महाविद्यालय तथा बोर्डिग हाउस है. यात्रियोकों उसका निरीक्षण करके उसमें यथाशक्ति मदद भी देना चाहिये. ___ श्री पार्श्वप्रभू श्री सुपार्श्वनाथ स्वामीको मदिर किनारेपर देखने योग्य है. यह शहर वैश्णवसप्रदायका बहुत पवित्रस्थान गिना जाता है. विश्वनाथ महादेव के अलावे हजारों शिवालय यहां नजर आते है गंगाकिनारे मणिकर्णिका घाट तथा अन्यघाट देखने योग्य हैं. यात्रियोंको नावमें बैठकर नदी किनारेका दृश्य देखना चाहिये. चार आनेमें तीन आदमी नावमें जा सकते हैं. ___ यात्रियोंको यहासे घोड़ा गाड़ी या बैलगाड़ी किराये करके चंद्रपुरी सिंहपुरीका दर्शन कर आना चाहिये. कानपुर-यह शहर दिल्लीसे २७० मील ( पूर्व यमुना नदीके) किनारे ईस्टइन्डिया रेलवेका स्टेशन है. यहां पाच रेले इकट्टी होती हैं. अनाजके व्यापारमें हिंदुस्थानमें दूसरा शहर है. चमड़ेका जूता-तथा अन्य सामान भी यहां वाहुल्यतासे बनता है. यहां लालइमली मील मूरमिल-येलनिन मील अन्य स्थान देखने योग्य हैं. यहां शहरमें तीन मंदिर है. बड़े मदिरमें वेदीके - अरेरी काम देखने योग्य है. ए .
SR No.010325
Book TitleJain Tirth Yatra Vivaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDahyabhai Shivlal
PublisherDahyabhai Shivlal
Publication Year
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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