SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 65
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन तीर्थयात्रादर्शक । [ ११ फिर महांसे रतलाम तरफ जानेवाले रतलाम चले जांय । और इन्दौर तरफ जानेवाला इन्दौर चले जावे । बीचमें फतीहाबाद । जंकसन गाड़ी बदलकर उज्जैन भी जा सकते हैं । ( १३ ) फतीहाबाद ( चन्द्रावतीगंज ) । इस स्टेशनका नाम चन्द्रावतीगंज है। ग्राम स्टेशन के सामने पास में ही है । १ दि० जैन मंदिर व २० घर जैनियोंके हैं । भाई दीपचन्द्रजी यहां पर रहते हैं । यहांसे गाड़ी बदलकर उज्जैन जाना चाहिये । ( १४ ) उज्जैन | यहां पर आने-जानेकी तीन लाईन हैं। एक फतीहाबाद से दूसरी भोपाल से गाड़ी आती है । सो भोपालसे आते समय उज्जैन के पहिले मकसी स्टेशनपर उतरके मक्सी पार्श्वनाथकी बंदना करना चाहिये । पीछे उज्जैन आवे | उज्जैन प्राचीन बड़ा भारी तीर्थ है। जैनियोंके महापुरुष धन्यकुमार, चन्द्रगुप्त मादि हजारों यहां राजा हुए। यहांपर ही विक्रमादित्य सरीखे न्यायपरायण राजा हुए। यहां क्षिप्रा नदी है । दि० जैन ३ मन्दिर हैं । १ जिन मंदिर नमकमंडी में है । यहांपर धर्मशाला में ठहरने आदिका आराम है। दूसरा मंदिर नयापुरा, तीसरा मंदिर जयसिंहपुरा में है। प्रतिमाएं प्राचीन हैं । जैनियोंके बहुत घर हैं, बड़ेर सेठोंकी दुकानें तथा बाजार देखने योग्य हैं । सेठ घासीराम कल्याणमलनी सज्जन तथा प्रसिद्ध पुरुष हैं। यहांसे ६ मीलकी दूरीपर भेलसा है, मोटरसे जावे । (१५) भेलसा | इसका दूसरा भद्रीलापुरी भी है। बहुत लोग इसको दशमें
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy