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________________ (३९) मिलती है। रतलामसे झावरा, मंदसौर वहांसे प्रतापगढ़, शांतिनाथ, देवगढ़ तांगासे जाकर वापिस मंदसौर । फिर मागे न.माहेड़ा, चित्तोड़गढ़ । चित्तौड़गढ़से उदयपुर, अनमेर आदि । आगे सब लिख दिया है। रतलामसे नागदा नंकशन आदि । नागदासे १ उज्जैनसे तांगामें भेलसाक्षेत्र । लौटकर उज्जैन, मक्सी पार्श्वनाथकी यात्रा करके मागे भोपाल जाकर मिले । मागे १ खंडवासे जाकर मिलती है। भोपालसे तांगामें समसागढ़की यात्रा करके लौटकर फिर भोपाल आवे । मक्सी होकर उज्जैन, बीनाइटावा नं० । ____ अकोला-से आगे मूर्तिनापुर उतरें । मूर्तिनापुरसे १ रेलवे कारंजा क्षेत्र जाती है। वहांसे वापिस फिर मूर्तिनापुर आयें। फिर यहांसे १ रेलवे अंजनगांव, एलिचपुर जाती है । एलिचपुरसे परतवाड़ा, खुरपी होकर मुक्तागिरी क्षेत्र जावें । लौटकर परतवाड़ा मावे। परतवाड़ासे अमरावती आवे । अमरावतीमे बलगाड़ीमें भातकुली लौटकर अमरावती, फिर स्टेशनसे बदनेग गाड़ी बदलकर धामणगांव । यहांसे मोटर या बैलगाडीसे कुंदनपुर क्षेत्र जावें । लौटकर घामणगांव मावें। नागपुर-जंकशन या दोतवारी स्टेशनसे कामठी, रामटेक लौटकर नागपुर, नागपुरसे छिंदवाड़ा, सिवनी, केवलारी, पिंडरई, जबलपुर । जबलपुर-से कौनी अतिशयक्षेत्र लौटकर जबलपुर । यहांसे ४ लाईन जाती हैं। १ इलाहाबाद, इसके बीचमें कटनी जंकशन पड़ता है । आगे सतना, माणिकपुर जंकशन पड़ता है। कटनी-से दमोह, दमोहसे कुंडलपुर क्षेत्र मोटर मादिसे
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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