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________________ (३८) चींचपाड़ासे मांगीतुंगी आदि। चीचपाड़ासे जलगांव भादि जाकर मिलती है। भुसावल जंकशन-से १ रेलवे खण्डवा जाती है। १ मलकापुर, अकोलासे मोटरमें माल्यागांव, सीरपुर आगे बासिम, हींगोल पूर्णातक जाती है, राम्ता मोटरका है । सीरपुरसे लौटकर अकोला भावे । खंडवा-से १ रेलवे सनावद, मोरटक्का (ग्वेडीघाट ) म्टेशन उतरे । फिर मोटरसे ओंकारनी, सिद्धवरकूट होकर लौटकर मोरटका आवें । आगे बड़वाह जावें । मोटरसे म्हेशर होकर बड़वानी तक। फिर आगे मउमे मोटरमें घारसे १ रास्ता गनघाट नाकर मोटरसे मिलता है । धारसे १ रास्ता कुकशी फिर वहांसे तालनपुर क्षेत्र, लौटकर सुसारी, कुकशी फिर मोटरसे जाकर बड़वानी मिलें । रान. घाटसे धर्मपुरी। आगे मांड पहाड़ देखकर वापित धर्मपुरी, लौटकर राजघाट फिर आगे अनंड होता हुआ बड़वानी। ये सब रास्ते मोटर या बैलगाड़ीके हैं। फिर मागे मऊसे मानपुर, गुजरी, अंजड होकर बड़वानी । बड़वानीसे चूलगिरी (बावनगजा), लौटकर बड़वानी । फिर ४ रास्ता जाता है । १-चीकलदा, कुकशी, तालणपुर, धार, मऊ तक । २-खानदेश, धुलिया मोटर, बैलगाड़ीसे । ३-लौटकर मऊ स्टेशन या इन्दौर । ४-महेशर होकर बड़वाहा नावे । आगे इन्दौरसे बनेडा क्षेत्र लौटकर इन्दौर, आगे फतीहाबाद, चन्द्रावतीगंज स्टेशन । फतीहाबाद स्टेशनसे १ रेलवे उज्जैन नाकर मिलती है। १-बडनगर मादि होकर रतलाम जाकर मिलती है । रतलामसे १ रेलवे मानन्द, चांपानेर, पावागढ़ होकर बड़ोदरा जाकर
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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