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________________ (१४) जाननेयोग्य रेलवे कानून । १-कुछ कानून वतौर 'यात्रामें चेतावनी' के नं० ३६२ ४१ तक लिग्वे गये हैं उनको समझना चाहिये। २-सौ मीलसे अधिक दूर जानेवाला यात्री, सौ मील जाक २४ घंटे विश्राम करके फिर उसी टिकटसे जासकता है । जैसे देहली बंबईसे (६५ मील दूर है। यदि यात्री बीचमें बड़ौदा, सुरत, अहमदावाद ठहरना चाहे तो इकट्ठी टिकट में ठहर सकता है । भलगरमें नहीं। ३-रेलका किराया व समय बदलता रहता है । लम्बी सफरका एक टिकट लेनेसे फायदा होता है । भिन्नर लेनेसे किराया ज्यादः व तकलीफ भी ज्यादः होती है। ४-रेलवे में ४ दर्ने होते हैं, फर्ट, सेकेण्ड, इन्टर व थर्ड | थर्ड में किराया कम लगता है व ज्यादे ठहरती है । ५-यात्रियोंको नीचे लिखे हुए बगेजसे अधिक होनेपर किराया लगता है। इन्टर क्लासमें २५ सेर (बंगाली) लेना सकता है। और थर्ड क्लासमें भी २५ सेरका नियम है। पहले व दुसरे दमें इससे दुना तिगुना लेना सकते हैं। ६-तीन वर्ष तक के बच्चे का किराया माफ है । बादको १२ वर्ष तक आधा लगता है। आगे पूरा लगता है । -एक जनाना डिव्या रहता है उसमें मदं नहीं बैठ सकता है। परंतु मर्दके डिब्बेमें जनानाको बैठा सकते हैं। (-अपना संघ होनेपर डिव्या या पूरी गाड़ी रिगर्व करा
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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