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________________ (२१) ३० - सरकारी महसुल (रेल किराया ) नहीं चुराना चाहि जो चुराते हैं उनको जुर्माना देना पड़ता है। ३१ - बड़े२ जंकशनपर उतरकर घूम लेना चाहिये । ग बदलनेका स्थान व समय पूछते रहना चाहिये। नहीं तो कई कहीं चला जासकता है । ३२- रेलवे कानून से ज्यादः सामानकी विल्टी कटा ले चाहिये। ऐसा नहीं करनेसे रास्ते में बाबू लोग तंग करते हैं । उ मुफ्त में घूस देनी पड़ती है। ३३ - रुपया, दिन ज्यादः लग जाय, इसकी फिक्र मत क मगर हरएक कार्यको सोच विचारकर, बड़ी सावधानीसे पूछकर करं ३४ - जहां पर पूजनकी सामग्री शुद्ध मिले वहींसे २-४ लेकर अपने पास रखलो, खूब शोध वीन लो क्योंकि कहीं पर सामा नहीं मिलती है अथवा दूना, ड्योढा दाम देना पड़ता है । ३१ - रेलमें सफर करते हुए किसी क्षेत्रपर किसी ग्राम जानेकी आवश्यक्ता हो तो उतर पड़ना चाहिये । ३६ - अगर कभी भूलसे रेलमें कोई कीमती सामान रह जा तो डब्बाका नम्बर याद होनेपर मिल सकता है। जिस स्टेशन तुमक याद आवे वहांके स्टेशन मास्टरको सूचना देकर तार दिला दो अगर वहां पर वह चीज होगी तो उसको वहांके स्टेशन मास्टर य गार्ड रख सकते हैं। पर डब्बाका नंबर याद होना चाहिये । ३७- अगर किसी तरहसे अपने संघका आदमी मागे-पीछे रह जावे, तो तार देकर उतार देना चाहिये। फिर अपनेको दूसरे टायम में जाकर मिलना चाहिये ।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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