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________________ ( २० ) I की के पास लिखा रहता है । सो तुरत देख लेना चाहिये । रेल रुपया, पैसा, नोट वगैरह विना जरूरत नहीं निकालना चाहि १२ - माता, पुत्री, बहिन, स्त्री आदिको अपरिचित आ मी पास मत बैठाओ। हर समय संभालते रहो । १३- रेलमें किसी भी आदमीका एकदम विश्वास मत करें अपनी चीज किमीके भरोसे मत रखो | १४ - बहुत से आदमी रेलमें सुरतके अच्छे मालूम पड़ते मगर लुच्चे दगाबाज होने हैं । १९ - जिस समय धर्मशाला से रवाना हो उस समय अप सब चीजें संभाल लो | दियावत्ती, लालटेन वर हमेशा साथ रखो अगर कोई टायम गाड़ी चूक जाय तो दूसरी गाड़ीसे चले जाओ १६ - कुत्री, तांगा आदिका किराया पहिले तय कर लो जिससे पीछे झगड़ा - फिसाद न हो । १७ - तांगा, कुली को अकेला छोड़कर मत जाओ । साथही रहना चाहिये । नहीं तो धोका खाओगे । १८ - रेलवे, मोटर, तांगा, कुलीका नंबर याद रखो । टिक टका नंबर नोटबुक में लिखलो | क्योंकि यदि टिकट गुम जाय तं नम्बर बताने से चल जाता है । १९ - स्टेशनपर आप घंटा पहिले पहुंचना अच्छा है। इस टिकट लेने में बैठने में सामान रखने में आराम रहता है । देरी जानेमें हरएक बातकी गड़बड़ी होती है। २० - रेलवे जाते समय प्लेटफार्मसे दूर हट जाओ । औ चकती रेकमें चढ़ना-उतरना नहीं चाहिये ।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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