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________________ ७०] जैन तीर्थयात्रादर्शक। कामठीसे गोंदिया गाड़ी बदलकर भी छिंदवाड़ा, सिवनी आदि होकर जबलपुर तक जाती है, यात्रियोंकी इच्छा होय निघर जासकते हैं। सबका हाल नीचे देखो। (११३) छिंदवाड़ा। म्टेशनसे २ मील दूर है, शहर अच्छा है, दि० जैन घर बहुत हैं। ८ मंदिर बड़े २ कीमती हैं जिनमें मनोहर प्रतिमा विरानमान हैं । यहांसे छ घंटा बाद सिबनीकी गाड़ी मिलती है। बीचमें शहर शैरकर आना चाहिये । (११४) सिवनी। म्टेशनसे ५ मीलकी दूरी पर शहर है । ३ सवारीमें तांगावाला बराबर दि. जैन धर्मशालामें लेजाता है । यहांपर रायबहादुर सेठ पुरनशाहनी, चैनसुखदास छावड़ा आदि बहुत घर दि. जैनियोंके हैं । शहर अच्छा है, साक्षात्स्वर्गपुरीके समान बहुत रमणीक है, राजमहलसे भी अधिक शोभावाले २ जिन मंदिर हैं। जिनमें १५ वेदियां और बड़ी २ विशाल प्रतिमा हैं । २ स्फटिकमणिको विशाल प्रतिमा हैं। ये मंदिर भी अवश्य दर्शन करने योग्य हैं । जड़ाईका काम अच्छा है । (११५) केवलारी। यह छोटासा गांव स्टेशनसे १ मील है, २ मिन मंदिर और कुछ घर नैनियोंके हैं। (११६) पिंडरई। स्टेशनसे ग्राम १ मील दूर है, ग्राम ठीक है, १ नदी " मंदिर व बहुत घर दि. नोकरें।
SR No.010324
Book TitleJain Tirth Yatra Darshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGebilal Bramhachari, Guljarilal Bramhachari
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages273
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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