SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धर्म, दर्शन और विज्ञान का एक साथ अध्ययन करता है। अपनी विचार-शक्ति व बुद्धि की योग्यतानुसार जगत् के प्रत्येक तत्त्व की गहराई तक पहुँचने का प्रयत्न करता है । उसकी खोज किसी समय-विशेप या स्थान-विशेष तक ही सीमित नहीं होती। प्लेटो के शब्दों में वह सम्पूर्ण काल व सत्ता का द्रष्टा है। उसका दृष्टिकोण इतना विशाल एवं विस्तृत होता है कि उसके अन्दर सव समा सकते हैं. किन्तु बाहर कोई नहीं निकल सकता । उसकी खोज कहाँ से प्रारम्भ होती है, इसे हरेक समझ सकता है, किन्तु वह कहाँ तक चला जाता है, यह समझना दूसरों के लिए बहुत कठिन है । वह कहाँ से चलता है, यह तो दिखाई देता है, किन्तु कहाँ पहुँचता है, इसका पता नहीं लगता। उसकी खोज किसी सीमा-विशेष से सीमित नहीं होती। इस विवेचन से हम सहज ही समझ सकते हैं कि दर्गन का क्षेत्र ज्ञान की सव धारात्रों में विशाल है। मानव-बुद्धि की सभी शाखाएँ दर्शन के अन्तर्गत पा सकती हैं । जहाँ मानव-मस्तिष्क सोचना प्रारम्भ गान्ता है, वहीं दर्शन का प्रारम्भ हो जाता है । दर्शन ज्ञान की प्रत्येक धारा का अध्ययन करता है, ऐसा कहने का यह अर्थ नहीं शिका प्रत्येक वस्तु को पूरी गहराई तक जानता है, क्योंकि ऐसा करना मानव की गक्ति के बाहर है । दर्शन सम्पूर्ण विश्व का अचान करता है, इसका अर्थ यही है कि विश्व के मूलभूत सिद्धान्तों की चोज ही उनका प्रधान लक्ष्य है। जगत् के मूल में कौनसा तत्व काम कर रहा है, जीवन का उस तत्त्व के साथ क्या सम्बन्ध है, प्रामाणिक प्रोर भौतिक तत्त्वों की सत्ता में क्या अन्तर है, दोनों की नमानता और असमानता का क्या रहस्य है, अन्तिम सोर वास्तविक तत्त्व ही बया नासोटी है, जान च बाहा पदार्थ के बीच पमा नम्वर , भप ज्ञान ने भिन्न है या अभिन्न .........रत्यादि की पोज ही दर्शन का प्रधान उद्देश्य है। जीवन और जगत् की मोनियमत्याएँ मानव-मन्तिान की प्रयोगशाला में किस तरह न हो सकती है। इसका चिन्तन करना ही दान का मुख्य काम 1. Tht spectator of all time and existence.
SR No.010321
Book TitleJain Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Mehta
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1959
Total Pages405
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy