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________________ जन स्वाध्यायमाला २७७ दुगुण, तिगुण, के उभूय पडिग्गहो ससारपडिग्गहो, नदावत्तं, मणुस्सावत्त । से त मस्ससेणिया-परिकम्मे (२)। से किं त पुट्ठसेणिया-परिकम्मे ? पुट्ठमेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढापागासपयाइ, के उभूय, रासिबर्द्ध एगगुण, दुगण, तिगुण, केउभूय, पडिग्गहो, ससारपडिग्गहो, नदावत्तं, पुट्ठावत्तं । से त पुट्ठसेणिया-परिकम्मे (३)। से कि त ओगाढसेणिया-परिकम्मे ? आगाढसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते तजहा-पाढोग्रागासपयाइ, के उभूय, रासिबद्ध, एगगुण, दुगुण, तिगुण, के उभूय, पडिगहो, संसारपडिग्गहो, नदावत्तं, ओगाढावत्त । से त ओगाढसेणियापरिकम्मे (४)। से कि त उवसपज्जणसेणिया-परिकम्मे ? उवसपज्जणसेणिया-परिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तंजहा-पाढोग्रागाम पयाई, केउभूय, रासिबद्ध, एगगुण, दुगुण, तिगुण, के उभूयं, पडिग्गहो, ससारपडिग्गहो, नदावत्त, उवसपज्जणावत्तं । से त उवसपज्जणसेणिया-परिकम्मे (५)। से कि त विप्पजहणसेणिया-परिकम्मे ? विप्पजहणसेणिया-परिकम्मे इक्कारसविहे पण्णत्ते, तजहा-पाढोआगासपयाइ, के उभय, रासिबद्ध, एगगुण, दुगुणं, तिगुण, के उभूय, पडिग्गहो, ससारपडिग्गहो, नदावत्तं, विप्पजहणावत्त । से त विप्पजहणसेणिया-परिकम्मे (६)। से कि तं चुयाचुयसेणिया-परिकम्मे ? चुयाचुयसेणियापरिकम्मे इक्कारसविहे पन्नत्ते, तजहा-पाढोनागासपयाइ, केउ.
SR No.010312
Book TitleJain Swadhyaya Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh Sailana MP
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1965
Total Pages408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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