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________________ १/३ परोक्ष प्रमाणाधिकार ३ (१) परोक्ष प्रमाण किसे कहते हैं ? जो दूसरे की सहायता से पदार्थ को स्पष्ट जाने । २. दूसरे की सहायता से जानने से क्या तात्पर्य ? दूसरे की सहायता से जानना दो प्रकार से होता है-एक स्वार्थ दूसरा परार्थ । ३. स्वार्थ परोक्ष प्रमाण किसे कहते हैं ? इन्द्रियों द्वारा स्वयं कोई पदार्थ देखकर उससे सम्बन्ध रखने वाले किसी दूसरे अदृष्ट पदार्थ को जान लेना स्वार्थ परोक्ष प्रमाण है; जैसे धुएं को देखकर स्वतः अग्नि को जान लेना अथवा किसी व्यक्ति की आवाज सुनकर उस व्यक्ति को पहिचान लेना। ४. परार्थ परोक्ष प्रमाण किसे कहते हैं ? पढ़कर या दूसरे के मुख से सुनकर जानना तथा तर्क व हेतु आदि के द्वारा निर्णय करना परार्थ परोक्ष प्रमाण है । नोट:- (अभ्यास के लिये देखो आगे प्रश्नावली में नं० ४-५) (५) परोक्ष प्रमाण के कितने भेद हैं ? पांच हैं-स्मृति, प्रत्यभिज्ञान, तर्क, अनुमान व आगम । (६) स्मृति किसे कहते हैं ? पहले अनुभव किये हुए पदार्थ की याद को स्मृति कहते हैं।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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