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________________ ४-भाव व मार्गणा २२३ २-माणाधिकार (२९) चक्षु इन्द्रिय किसको कहते हैं ? जिसके द्वारा पांच प्रकार के वर्ण का (तथा वस्तुओं के आकारों का) ज्ञान हो उसको चक्षु इन्द्रिय कहते हैं । (३०) श्रोत्रेन्द्रिय किसको कहते हैं ? जिस के द्वारा सप्त प्रकार के स्वरों का ज्ञान हो उसको श्रोत्र न्द्रिय कहते हैं। (३१) किन-किन जीवों को कौन सी इन्द्रियां होती हैं ? पृथ्वी, अप, तेज, वायु, वनस्पति इन जीवों के केवल एक (स्पशन) इन्द्रिय होती है। कृमि आदि जीवों के स्पशन और रसना दो इन्द्रिय होती हैं। चींटी वगैरह जीवों के स्पर्शन, रसना, घ्राण ये तीन इन्द्रियां होती हैं । भ्रमर, मक्षिका आदि जीवों के श्रोत्र के बिना चार इन्द्रियां होती हैं। घोड़े आदि पशु, (पक्षी, मछली आदि तथा) मनुष्य, देव, और नारकी जीवों के पांचों इन्द्रियां होती हैं। (मन सहित व रहित का विवरण आगे संज्ञित्व मार्गणा में देखो)। (३२) काय किसको कहते हैं ? त्रस स्थावर नाम कर्म के उदय से आत्मा के प्रदेश प्रचय को काय कहते हैं। ३३. जीव समास किसको कहते हैं ? काय की अपेक्षा किये गए जीवों के भेदों को जीव समास कहते हैं। (३४) त्रस किसको कहते हैं ? बस नाम कर्म के उदय से द्वीन्द्रिय वीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय तथा पंचेन्द्रियों में जन्म लेने वाले जीवों को त्रस कहते हैं (क्योंकि त्रास या भय आने पर ये स्वयं अपनी रक्षा के लिये इधर उधर भाग सकते हैं।) (३५) स्थावर किसको कहते हैं ? स्थावर नामकर्म के उदय से पृथ्वी, अप्, तेज, वायु व वन
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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