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________________ २- द्रव्य गुण पर्याय १६७ १४. शरीर को छोड़े बिना प्रदेश बाहर निकलना क्या ? कारण विशेष को प्राप्त करके जीव के प्रदेश फैल जाते हैं । तब वे अपने मूल शरीर में भी रहते हैं और उससे बाहर चारों तरफ आकाश में भी । ६ - अन्य विषयाधिकार १५. क्या समुद्धात सभी जीवों को होता है ? नहीं, किसी किसी जीव को क्वचित कदाचित कारण विशेष मिलने पर होता है । १६. समुद्धात कितने प्रकार का होता है ? सात प्रकार का - मारणान्तिक समुद्धात् कषाय समुद्धात्, वेदना समुद्धात्, वैक्रियक समुद्धात्, तैजस समुद्धातु, आहारका समुद्धात् और केवली समुद्धात् । १७. मारणान्तिक समुद्धात किसे कहते हैं ? मरण समय किसी किसी जीव के प्रदेश फैल कर अपना इष्ट स्थान तलाश करने जाते हैं । इस स्थान का स्पर्श करके वापस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसे मारणान्तिक समुद्धात् कहते हैं । १८. कषाय समुद्धात किसे कहते हैं ? कषाय वश जीव के प्रदेशों का कदाचित फैलना कषाय समुद्धात है । १६. वेदना समुद्धात किसे कहते हैं ? तीव्र वेदना में किसी जीव के प्रदेश कदाचित फैल कर योग्य औषध या जड़ी बूटी का स्पर्श करके वापस शरीर में प्रवेश करे सो वेदना समुद्धात है | २०. मारणान्तिक, कषाय व वेदना समुद्धात किसे होता है ? सभी प्रकार के जीवों को होने सम्भव हैं । २१. वैक्रियक समुद्धात किसे कहते हैं व किसे होता है ? अपने शरीर को बड़ा या छोटा बना लेने में; अथवा विक्रिया द्वारा अनेक शरीर बना लेने में उस जीव के प्रदेशों का फैलना या सुकड़ना तथा फैलकर सब शरीरों को क्रियाशील बना
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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