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________________ २- द्रव्य गुण पर्याय ( २२६) प्राण किसको कहते हैं ? जिनके संयोग से यह जीव जीवन अवस्था को प्राप्त हो, और वियोग से मरण अवस्था को प्राप्त हो उसको प्राण कहते हैं । (२२७) प्राण के कितने भेद हैं ? १४३ दो हैं - द्रव्य प्राण और भाव प्राण । (२२८) द्रव्य प्राण किसे कहते हैं ? शरीर के जिन अवयवों या श्वास आदि के निमित्त से जोव आयु धारण किये रहता है उन्हें द्रव्य प्राण कहते हैं । २२६. द्रव्य प्राण के कितने भेद हैं ? (चार हैं - इन्द्रिय, बल, आयु और श्वासोच्छवास 1 ) अथवा दश ह - पांच इन्द्रिय, स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु व कर्ण, तीन बल -- मन, वचन व काय; तथा आयु व श्वासोच्छवास । ( २३०) किस जीव के कितने प्राण होते हैं ? एकेन्द्रिय जीव के चार प्राण - स्पर्शनेन्द्रिय, काव्य बल, आयु व श्वासोच्छवास । द्वीन्द्रिय के छह प्राण - दो इन्द्रिय, वचन व का बल, आयु व श्वासोच्छवास । त्रीन्द्रिय के सात प्राणपूर्वोक्त छ : और एक घ्राणेन्द्रिय । चतुरेन्द्रिय के आठ प्राणपूर्वोक्त सात और एक चक्षु इन्द्रिय | पंचेन्द्रिय असैनी के नौ प्राण - पूर्वोक्त आठ और एक कर्णेन्द्रिय | पंचेन्द्रिय सैनी के दस - पूर्वोक्त नौ और एक मन बल । 1 ( २३१) भाव प्राण किसको कहते हैं ? ४ - जीव गुणाधिकार आत्मा की जिस शक्ति के निमित्त से इन्द्रियादिक अपने कार्य में प्रवर्ते उसे भाव प्राण कहते हैं । ( २३२) भाव प्राण के कितने भेद हैं ( दो भेद हैं- उपयोग और योग अथवा दो भेद हैं-भावेन्द्रिय और भाव बल । ( २३३) भावेन्द्रिय के कितने भेद हैं ? पांच हैं - स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु व कर्ण ।
SR No.010310
Book TitleJain Siddhanta Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKaushal
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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