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________________ wwwwwwmmm १४]. जैनसिद्धांतसंग्रह चंपंके (बेली), कंवलज्ञान तिथि बैंशाख वदी ९. गणधर १८:: निर्वाणतिथि फाल्गुन वदी १२, निर्वाण आमन खड्गासन.' निर्माणस्थान सम्मेदशिखर, अन्तर-इनके पीछे ६ लाख वर्ष •गए २ नमिनाथ भए । -- २१-नमिनाथके लाल कमलका चिंह ।। पहला मत्र १४ वां प्राणत स्वर्ग जन्मनगरी मिथिलापुरी. पिताका नाम विजय माताका नाम विप्रा, गर्मतिथि आसौन 'वदी २, जन्मतिथि आषाढ़ वढी १०, जन्मनक्षत्र अश्विनी, काय ऊंची २५ धनुष, रंग सुवर्ण समान पीला, आयु १० हजार वर्ष, दीक्षातिथि. आषाढ़ वदी १०, दीक्षावृक्ष बौलश्री केवलज्ञान तिथि मार्गशिर सुदी.११; गणधर ७. निर्वाणतिथि पैशाख वदी.१४, निर्वाण आसन खगासन, निर्वाणस्थान सम्मेदशिखर, अन्तर-इनस ५ लाख वर्ष गए पीछे १२वें नेमिनाथ भए । २०-नमिनाथके शंखका चिह्न। पहला भव वजयंत, जन्मनगरी सौरीपुर वा हारिका, "पिताका नाम समुद्रविजय, माताका नाम शिंवादेवी, गर्भ तिथि वृंदावन-बख्तावरकृत पाठोंमें कार्तिक सुदी ६, रामचन्द्र 'कृतमें कार्तिक वदी ६, जन्मतिथि श्रावण सुदी ६, जन्मनक्षत्र चित्रा, कायली धनुष, रंग श्याम मोरकै कठ समान, आयु १ हजार दीक्षांतिथि श्रावण 'सुदी'६, दीक्षा मषेशृंग, केवलज्ञानतिथि आसौनं सुदी १, गणधर ११, निर्वाणतिथि वृन्दावन-बखतावरकृत पाठोंमें आषाढ़ सुदी १. रामचन्द्र कृतमें भापाइ सुदी ७, निर्वाण मासन, खदासन, निर्वाणस्थान
SR No.010309
Book TitleJain Siddhanta Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
PublisherSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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