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________________ १२] जनासद्धांतसंग्रह। . ११, गणघर १६, निर्वाणतिथि ज्येष्ठ वदी १४, निर्वाणासन खड्गासन, निर्वाणस्थान सम्मेदशिखर, अन्तर-इनसे आप पल्य गए पीछे १७वे कुन्थुनाथ भए । शांतिनाथ तीर्थकर, चक्रवर्ती और कामदेव तीन पदवीके धारी भए। १७-कुन्युनाथके वारेका चिह्न । ' पहला भव पुप्पोचर विमान,जन्मनगरी हस्तनागपुर, पिताका नाम सूर्य माताका नाम श्रीदेवी, गर्मतिथि श्रावण वदी १०, जन्मतिथि वैशाख सुदी १, जन्मनक्षत्र कृतिका, काय ऊंची ३५ धनुष रंग सुवर्ण समान पीला, आयु ९५ हजार वर्ष, दीक्षा तिथि वैशाख सुदी १, दीक्षावृक्ष तिलक, केवलज्ञान तिथि चैत्र सुदी ३, गणधर ३५, निर्वाणतिथि वैशाख सुदी १, निर्वाण आसन खड्दासन निर्वाणस्थान सम्मेदशिखर, अंतर-इनसे छह हजार कोटि वर्षघाट पाव पल्य गए पीछे अरनाथ भए । कुन्युनाथ तीर्थकर, चक्रवर्ती और कामदेव तीन पदवीके धारी भए । . १८-अरनाथके मच्छीका चिह्न । पहला भव सर्वार्थसिद्धि, जन्मनगरी हस्तनागपुर, पिताका नाम सुदर्शन, माताका नाम मित्रा, गर्मतिथि फाल्गुण सुदी ३, जन्मतिथि मार्गशिर सुदी १४, जन्मनक्षत्र रोहिणी, काय ऊंची ३० धनुष, रंग सुवर्ण समान पीला, आयु ८४ हजार वर्ष, दीक्षातिथि वृन्दावन बखतावररूत पाठोंमें मार्गशिर सुदी १४, रामचन्द्रकतम मार्गशिर सुदी १०, दीक्षावृक्ष आम्र, केवलज्ञान । विथि कार्तिक सुदी १२, गणधर '३०, निर्वाणतिथि वृन्दावन- '
SR No.010309
Book TitleJain Siddhanta Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
PublisherSadbodh Ratnakar Karyalaya Sagar
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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