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________________ (६) पाठ पूवा. गुरु की पहचानं.. १ कोई भी प्राणी की हिंसा न करे सोगुरु, २ कभी झूठ न बोले सो गुरु." ३ मालिक की रजा सिवाय कोई भी चीज न लेवे सो गुरु. ४ स्त्री का संसर्ग न करें और ब्रह्मचर्य पाले सो गुरु. ५ धन दौलत, घरबार, क्षेत्र बाड़ी, गांव गरास, वाग वगीचे, आसन, वाहन, आदि किसी प्रकार का परिग्रह न रख सो गुरु. ६ रात्रि भोजन न करे सो गुरु, . ७ वाहन पर बैठे नहीं सो गुरु., ८ किसी को भाररुप न होवे सो गुरु. है किसी को भय वतलाव नहीं और कु__मार्ग में दोड़े नहीं सो गुरु. १० सांसारिक 'वाते और सांसारिक खटपट करे नहीं सो गुरु. ... . ११ मोह, माया, ममता रखे नहीं सो गुरु. . १२ क्लेश, कंकास करे करावे नहीं सो गुरु.
SR No.010304
Book TitleJain Shikshan Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
PublisherJain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publication Year
Total Pages67
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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