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________________ जैन महाभारत समय व्यतीत होता रहा और अन्त में गर्भ के दिन पूरे हो गए । शुभ बेला और शुभ घड़ी में रक्मणि ने एक पुत्र को जन्म दिया । पुत्र मुख की कान्ति से सारा राज प्रासाद जगमगा उठा तथा समस्त दिशाए प्रद्योदित हो गई । उस समय ऐसा दिखाई देने लगा मानो प्रासाद रूप प्राची दिशा ने सूर्य को ही जन्म दिया और उसी से ही यह प्रकाश फैला है । अतः श्रीकृष्ण ने उसका नाम प्रद्युम्न रखा । 1 सारे परिवार मे हर्ष छा गया । सारे हितचिन्तक बधाई देने आये । इसी समय सत्यभामा के पुत्र रत्न उत्पन्न होने की सूचना मिली, उसका नाम भानु (क) रखा गया। लोग उधर भी बधाई देने गये । वे उसके पुत्र को ज्येष्ठ मान कर बारम्बार हर्ष नाद करते । श्रीकृष्ण ने मुक्तहस्त से दान दिया । चारों ओर हर्ष ठाठें मार रहा था, सारे नगर में प्रसन्नता छा गई। सुहागिनों ने जा कर मंगल गान गाए। कृष्ण का महल सज गया, अनुपम उत्सव मनाया गया । पाँच दिन तक मिष्ठान बंटता रहा, नृत्य और संगीत का आयोजन चलता रहा । चारों ओर हर्ष ही हर्ष था । सत्यभामा को यह सुनकर खेद हुआ था कि रुक्मणि ने भी एक सुन्दर बालक को जन्म दिया है, पर वह यह सोच कर प्रसन्न थी कि उसका पुत्र ही ज्येष्ठ है वही पहले हुआ है । रुक्मरिण इस बात से बहुत प्रसन्न थी कि जिस समय उसने पुत्र का मुख देखा उसी समय सत्यभामा भी पुत्रवती हुई। वह अपने सुन्दर विलक्षण पुत्र को देख देख कर बड़ी प्रफुल्लित हो रही थी, पर छठे दिन उस समय उसकी प्रसन्नताएं महान दुख में परिणत हो गई जब कि उसके पुत्र को किसी ने हर लिया, पुत्र शय्या से गायब था, रुक्मणि व्याकुल हो गई। उसने अपने बाल नोच लिए, वस्त्र फाड डाले और बिलख बिलख कर रुदन करने लगी । सारा परिवार ही शोक में डूब गया, सत्यभामा को भी प्रत्यक्ष में दुःख था, उस के हृदय की कौन जाने ? । वास्तव में बात यों थी कि एक देव जो कि कुमार का पूर्वभव का वैरी था, रुक्मणि का रूप धारण कर श्रीकृष्ण के हाथों में से उठाकर ले गया था । ४७८ ހނ ބހ पुण्यवान के पगे पगे निधान बालक को ले जाकर, वह देव सोचने लगा कि किसी विधि से उसकी हत्या की जाय, कैसे उसे तड़पा तड़पाकर मारा जाय ? उसने
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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