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________________ २५० जैन महाभारत वहां जाकर वे देवकी की उपस्थिति में रानी से कहने लगे कि आज कंस ने देवकी का विवाह वसदेव के साथ करने के लिए मुझे प्रेरित किया, पर में इस विषय को टाल आया हूँ, क्योकि मैं नहीं चाहता हूँ कि मेरी प्राण प्रिय पुत्री इतनी जल्दी मेरे घर से विदा हो । मुझे इसका वियोग असह्य लगता है। यह सुनकर देवकी की अवस्था प्राप्त रत्न के खोये हुए दरिद्र की भॉति विचित्र हो गई। उनके नेत्र सजल हो गये। रानी ने बड़े प्यार भरे शब्दो मे कहा नाथ | आपको यह सम्बन्ध सहर्ष स्वीकार करना चाहिए । देवकी की अवस्था विवाह योग्य है। इसे हम अपने घर में कब तक रख सकते है। आखिर एक न एक दिन तो इसे श्वसुर गृह भेजना ही होगा। और इसका वियाग सहन करना ही पड़ेगा । लड़की के लिए सुयोग्य वर ढूढंते ढूढते थक जाते है, पर हमारे सौभग्य से हमें घर बैठे सुयोग्य वर मिल रहा है अतः हमें इस सु अवसर को हाथ से न जाने देकर इस सम्बन्ध को स्वीकार कर लेना चाहिए ।' तब देवक ने कहा-मैं तो तुम्हारा मन देख रहा था। जब तुम लोगों को यह सम्बन्ध स्वीकार है तो मुझे भला क्या आपत्ति हो सकती है। इस प्रकार सबके सहमत हो जाने पर देवक ने अपने मन्त्रि मण्डल से मन्त्रणा कर कस को इस सम्बन्ध में अपनी स्वीकृति से सूचित कर दिया । देवक की अनुमति प्राप्त कर कस और वसुदेव मथुरा और शौरीपुर लौट आए । पश्चात् महाराज देवक ने समुद्रविजय के पास यथाविधि विवाह का निमन्त्रण भेजा । तद्नुसार समुद्रविजय अपने सब सगे सम्बन्धियो का एकत्रित कर बड़ी धूमधाम के साथ बरात लेकर मृत्तिकापुर जा पहुँचे । इस प्रकार शुभ लग्न और शुभ मुहूर्त मे वसुदेव ओर देवकी का विवाह सानन्द सम्पन्न हो गया। देवक ने दहेज मे बहुत से स्वर्णाभूषण अनेक बहुमूल्य रत्नालंकार और कोटि गायों सहित इस गोकुल के स्वामी नन्द को प्रदान किया । इस प्रकार विवाह की धूम धाम के समाप्त हो जाने पर समुद्रविजय वर-वधू वसुदेव-देवकी को साथ ले अपने सब सम्बन्धियों तथा कस व नन्द आदि के सहित अपनी राजधानी की ओर चल पड़े । मागे मे मथुरा आयी वहॉ इन सब लोगो को रोक कर अपने मित्र व बहिन के विवाहोपलक्ष मे मथुरा नरेन्द्र कस ने एक बड़े भारी महोत्सव का
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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