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________________ वसुदेव के श्रद्भुत चातुर्य २२१ तुम यदि उचित समझो तो हमें यहीं कहीं कोई ठहरने की जगह दे दो । माली ने प्रसन्न हो उद्यान में बने हुए बहुत का कमरा उनके लिए खोल दिया । सुन्दर राजभवन दूसरे दिन प्रात काल मालाकार की कन्या को फूलों की माला गूथते देख वसुदेव ने पूछा कि भद्र े | यह माला तुम किस के लिए बना रही हो । उसने उत्तर दिया कि मै राजकुमारी के लिये यह माला बना कर ले जा रही हूँ । वसुदेव ने पूछा यह राजकुमारी कौन है ? उस ने उत्तर दिया हे देव । महाराज पद्मरथ की अग्रमहिषी की पुत्री है । अनेक कलाओं में निपुण यह राजकन्या पद्मावती वास्तव में मूर्तिमती सरस्वती और रूप में लक्ष्मी ही है । तब वसुदे 1 ने उसे कहा कि तुम मुझे विविध रूप रंग और गव वाले पुष्प लादो, मैं तुम्हे राजकुमारी को भेंट देने के लिए एक बहुत सुन्दर माला बना देता हू | . पुष्पों के आ जाने पर वसुदेव ने एक ऐसी सुन्दर माला जो साक्षात् श्री - लक्ष्मी के योग्य हा, श्रीदाम तैयार कर दी । महलों से लौट कर मालाकार कन्या ने वसुदेव से कहा 'आप की कृपा से आज राजकुमारी मुझ पर बहुत प्रसन्न हुई और उसने मुझे बहुमूल्य रत्नाभरण पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये।" इस पर वसुदेव ने पूछा- भद्रे । यह कैसे हुआ ? उसने उत्तर दिया - राजमहलों मे पहुच कर वह माला राजकुमारी के कर कमलों में भेंट की तो उस ने मुझ से पूछा कि बालिके, माला बनाने की ऐसी निपुणता कहाँ से सीखी। मैंने निवेदन किया, स्वामिनी आज हमारे घर क्हीं से कोई अतिथि आया हुआ है उसी ने बडे आदरपूर्वक यह बनाई है तब तो वह गद्गद् वाणी से कहने लगी कि तुम्हारा यह अतिथि कैसा है और इसकी अवस्था क्या है ? तब मैंने उत्तर दिया कि ऐसा सुन्दर पुरुष तो मैंने आज तक कहीं कोई नहीं देखा । मुझे तो ऐसा लगा है कि वह कोई विद्याधर या देवता है । उसकी देह कान्ती नव यौवन की शोभा से मंडित है । यह सुनते ही वह रोमाचित हो उठी । उसके नेत्र अश्रूपूर्ण हो गये । उसने मुझे पुरस्कार स्वरूप ये रत्नाभरण प्रदान करते हुए कहा- तुम चाहो तो मैं ऐसा प्रयत्न करू' कि तुम्हारा वह अतिथि यहीं कुछ दिनों के लिये ठहर जाये। यह सुन कर मैं वहां से चली आई |
SR No.010301
Book TitleShukl Jain Mahabharat 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year1958
Total Pages617
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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