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________________ २६. निरालम्बन ध्यान की परिभाषा निरालम्बन ध्यान १११ २७ समाधि की परिभाषा ११३ २८-२६. समाधि के उपाय ११३ ३०. संतुलन की परिभाषा ११३ ३१. समाधि के प्रकार ११३ ३२. समत्व, विनय, श्रुत, तप और चारित्र की परिभाषा समाधि ११३ ३३. लेश्या की परिभाषा ११७ ३४. लेश्या के प्रकार लेश्या ११७ पांचवां प्रकरण १. वायु का निरूपण और प्रकार १२२ २. प्राणवायु की परिभाषा १२२ ३. अपान वायु की परिभापा १२२ ४. समान वायु की परिभापा १२२ ५. उदान वायु की परिभापा १२२ ६. व्यान वायु की परिभापा वायु १२२ ७. वायु - विजय के साधन १२६ ८. वायु के ध्यान- बीज १२२-१३१ वायु-जय की प्रक्रिया १२६ ६. प्राण वायु पर विजय के लाभ १२७ १०. अपान और समान वायु पर विजय के लाभ १२७ ११. अपान वायु पर विजय के लाभ १२७ १२. व्यान वायु पर विजय के लाभ १२७ १३. मानसिक स्थिरता की प्रक्रिया १२७ १४. पादागुष्ठ से लिंग पर्यन्त वायु-धारण से लाभ १२७ १५. नाभि मे वायु-धारण से लाभ १२७
SR No.010300
Book TitleManonushasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages237
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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