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________________ जैन रत्नाकर सामायिक में क्या किया जाता है ? सामायिक में हिंसा, झूठ, चोरी, मैथुन एवं अपने पास जो वस्त्रादि उपकरण रहते हैं - उनके सिवाय अन्य वस्तु रखने का परित्याग किया जाता है । सामायिक में क्या करना चाहिये ? साधुओं का व्याख्यान सुनना चाहिये । धार्मिक प्रश्न पूछने चाहिये । सत्वचर्चा करनी चाहिये। स्वाध्याय आत्मसाधना से सम्बन्धित पठन पाठन करना चाहिये । ध्यान करना चाहिये । अनित्य अशरण आदि भावनाओं का चिन्तन करना चाहिये | आराध्य देवों का स्मरण करना चाहिये । नमस्कार मंत्र का स्मरण करना चाहिये । उसमें भी आनुपुर्वी से नमस्कार मंत्र का स्मरण करना मन को स्थिर रखने के लिये महान् उपयोगी है। समाइय पारण विहि ( सामायिक पारवानी विधि ) नवमा सामायिक व्रत ने विषै जो कोई अतिचार दोष लागो होय तो आलोऊं । १ - मन जोग सावद्य प्रतर्त्तायो होय २ - वचन जोग सावद्य प्रवर्त्तायो होय
SR No.010292
Book TitleJain Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKeshrichand J Sethia
PublisherKeshrichand J Sethia
Publication Year
Total Pages137
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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