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________________ ज जगत् - चेतन और अचेतन छह द्रव्यो का समुदाय । जगश्रेणि- प्रदेशों की सात रज्जू जितनी सीधी पंक्ति । जघन्य - १. निकृष्ट, २ न्यूनतम | जड़ - अचेतन द्रव्य | जन्तु पुनः पुनः जन्म धारण । जन्म – प्राणो की प्रादुर्भूत व्यवस्था । जम्बुद्वीप - मध्यलोक का एक भूखण्ड, समस्त द्वीप और समुद्र के बीच अवस्थित प्रदेश । जय - १. अपने पक्ष की सिद्धि, २ जितेन्द्रिय । जरा - आयु की क्षीणता ; बुढापा । जरायु - गर्भ में रुधिर और मांस से आच्छादित जाल । जरायुज - रुधिर और मॉस की जेर / फिल्ली के साथ जन्म लेने वाले प्राणी । [ ५३ ]
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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