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________________ विभाषा-विकल्प-विधि ; विधि और निषेध का विधान ; विविध भाषण ; सूत्रार्थ की विशेष व्याख्या। विभूम-चित्तभूम ; सन्देह ; काम-विकार । विमर्श-विचार ; ईहा और अपाय की मध्यवर्ती स्थिति । विमान-देवो का निवास भवन ; आकाश में गति करने वाला रथ। विरताविरत-संयतासयत ; स्थूल पापो का त्याग, किन्तु सूक्ष्म पापो से अनिवृत्ति । विरति-अलगाव ; चारित्र का आविर्भाव । विरमण-त्याग; व्रत-प्रत्याख्यान । विराग-विषयो से विरक्ति । विराग-विचय-विषयो से विरक्ति का अनुचिन्तन । विराधना-खण्डन ; अपराध ; साधना में आये दोषो की ___ आलोचना न करना। विलेपन-घिसे गये चन्दन, कुंकुम या मोती का लेप । विविक्त-निर्वाध स्थान ; आप्त-पुरुष का नामान्तर ; शरीर एवं कर्म-मुक्त। विविक्त-शय्यासन-निर्जन क्षेत्र मे शयन ; निर्वाध स्थान में शय्या व आसन लगाना; तप का एक अग। [ ११३ ]
SR No.010280
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size3 MB
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