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________________ მშ जैनकथा रत्नकोष नाग पांचमो. यनी पत्नीनी करेली प्रार्थनायें करी कूटसाही नरवाथी वसुराजा दुर्गतिने प्राप्त थयो. त्यां लौकिक दृष्टांत कहे बे. ( जवेन के० ) ईश्वरें (विरंचिः के० ) ब्रह्माने (अनृतात् के० ) असत्य भाषणथकी ( अर्चाविधुरः के० ) पूजारहित गुं (नच के० ) न कस्या, ना कस्याज, अद्यापि ब्रह्मा ने ते लोकोयें पूजाता नथी. वली शंकरें (मृषासाक्ष्यात के० ) खोटी साक्षी 0 वाकी (केतकी कें० ) केतकीने, ( अनिष्ठा के० ) अनिश्चित ( किंन के० ) गुं न करी. श्रर्थात् करीज. जेमाटे ईश्वरने श्राजदिन पर्यंत केतकी चडती नथी ए प्रत्यक्ष वात बे. तथा इश्वरें ( परीक्षा के० ) परीक्षा वेला विषे ( सत्यात् के० ) सत्यभाषणथकी ( हरिः के० ) विष्णु, ( किं के० ) चुं ( नमहितः के० ) न पूजाया अर्थात् पूजायाज एटले श्रीकृष्ण प्रद्यापि जगत्मां पूजाय वे ते संत्यनापणथकी जाएावुं ॥ ३४ ॥ हां दृष्टांतां वसुराजा तथा ब्रह्मादिकनी कथा कहेवी जोइयें. तिहां प्रथम ब्रह्मा विष्णुनी कथा कहे वे एकदा ब्रह्मा ने विष्णुने वाद थयो के शिवना लिंगनो खापणने पार पामवो. तेने महादेवजीयें कह्युं के उपर तथा नीचें महारुं लिंग पारविनानुं बे माटे तेनो कोई पार पामी शके नही तो पण ते बेदु देव पार पामवाने चाव्या, तेमां ब्रह्माजी विष्णुना ना निप्रदेशथी निकलीने व मास पर्यंत उपर चाल्या ने विष्णु व मास पर्य त नीचें चाव्या, तो पण महादेवजीना लिंगनो पार ग्राव्यो नही एवामां शंकरनां मस्तक उपरथी केतकी नीचें उतरी तेने ब्रह्मायें पूजयं के तुजने शि वना मस्तक उपरथी उतरतां केटला दिवस यया ? तेवारें केतकीयें कयुं के महीना यया ते सांजली ब्रह्मायें विचायुं जे मने ब महीना थया पण हुं पार पाम्यो नही एम चिंतवी केतकीनें कह्युं के तुं शिवनी पासें एवी साक्षी यापजे के मुकने तमारा मस्तक उपरथी ब्रह्मायें आणी ते एटलुं असत्य बोलजे. ते वात केतकीयें कबुल करी तेवारें ब्रह्मा त्यांथी पाढा वव्या अने विष्णुने यावी कहेवा लाग्या के हुं ईश्वरना लिंगनो पार पाम्यो तेने टे को वा केतकी यें खोटी शादी पूरी तथा श्रीकृष्ण तो सत्यज बोल्या के हुं तो ब महीना पर्यंत ईश्वरनो पार पामवा माटे नीचो गयो पल पा र पाम्यो नही एवी रीतें ब्रह्मायें असत्य जावण कयुं माटे शिवजीयें ते ब्र
SR No.010250
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages401
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size44 MB
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